स्नातक कला संकाय (बी0ए0)
हिन्दी, संस्कृत, भूगोल, शिक्षाशास्त्र राजनीतिशास्त्र, गहविज्ञान, समाजशास्त्र, इतिहास, अंग्रेजी, अर्थशास्त्र
स्नातकोत्तर कला संकाय (एम0ए0)
हिन्दी, संस्कृत, भूगोल, शिक्षाशास्त्र, गहविज्ञान, समाजशास्त्र

ग्रामीण छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा प्रदान कर देश का जिम्मेदार नागरिक बनाने के उद्देश्य से स्वतन्त्रता सेनानी श्री प्रभुनारायण सिंह महाविद्यालय,चोलापुर, वाराणसी उ0प्र0, की स्थापना की गयी की स्थापना प्रायः ऐसी जगहों पर की गयी है जहाँ पहले से महाविद्यालयों का अभाव है। स्थापना इन्हीं उद्देश्यों को ध्यान में रखकर की गयी। यह संस्थान कई एकड़ के परिसर में विकसित किया गया है। इस महाविद्यालय में उल्लेखनीय सफलता पायी है। छात्र-छात्राओं के बीच खेलकूद और शिक्षणेतर गतिविधियों की सुदृढ़ परम्परा यहाँ की विशेषता रही है।

वार्षिकोत्सव, सांस्कृतिक कार्यक्रामों का आयोजन एवं प्रेरिकी के माध्यम से छात्र-छात्राओं से सम्पर्क तथा महाविद्यालय के विकास के सन्दर्भ में समय-समय पर मूल्यांकन महाविद्यालय की मुख्य विशेषताएं हैं | ग्रामीण एवं पिछड़ें क्षेत्रों के छात्र-छात्राओं के सर्वागीण विकास के लिये यह महाविद्यालय संकल्पित एवं प्रतिबद्ध हैं |

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